छात्र परेशान: पेपर लीक एक गंभीर समस्या (हाल में ही यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक)

पेपर लीक एक गंभीर समस्या छात्र परेशान 



एक अदद सरकारी नौकरी की ख्वाहिश में देश के करोड़ों युवा कई-कई साल जी-तोड़ मेहनत करते हैं। और इस तपस्या के बदले उन्हें मिलता है- पेपर लीक का दंश। देश में शायद ही कोई राज्य बचा हो, जहां कभी कोई पेपर न लीक हुआ हो। सिर्फ 4 राज्यों के ही आंकड़े देख लें तो तस्वीर डराने वाली है।

 

राजस्थान, यूपी, बिहार और मप्र में 5 साल के अंदर (2017 से 2022 के बीच) सरकारी भर्ती परीक्षाओं के 18 पेपर लीक हो चुके हैं। इनमें करीब सवा करोड़ अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लग चुका है। लाख के करीब सरकारी पद खाली पड़े हैं।

 

ताज्जुब की बात यह है कि इन मामलों में 400 से ज्यादा गिरफ्तारियां जरूर हो चुकी हैं। मगर इनमें से करीब 90% जमानत पर बाहर चल रहे हैं। कई पेपर लीक सरगना अब भी फरार हैं।

 

कितने लोगों का भविष्य भंवर में फंसा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2017-2023 तक सात सालों में अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक के 70 से ज्यादा मामले सामने आए और 1.5 करोड़ से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं.

 

हाल में ही यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक हुई हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पेपर लीक के आरोपों के कारण यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 रद्द कर दी है। परीक्षा, जिसमें 17 और 18 फरवरी को लगभग 16 लाख महिलाओं सहित 48 लाख से अधिक प्रतिभागी शामिल थे, छह महीने के भीतर फिर से आयोजित की जाएगी।

 

कथित प्रश्न पत्र लीक को लेकर सिविल सेवा अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन के बीच यह निर्णय लिया गया है। रद्दीकरण की घोषणा उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं की पवित्रता से समझौता नहीं किया जा सकता और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कसम खाई।

 

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "परीक्षाओं की शुचिता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। नौनिहालों की मेहनत से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होना तय है।

 

01. बिहार बोर्ड की दसवीं की परीक्षा का पेपर 6 बार लीक हो चुका है.

02. पश्चिम बंगाल में राज्य बोर्ड परीक्षा के पेपर कम से कम 10 बार लीक हुए.

03. तमिलनाडु में 2022 में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक हुए.

04. राजस्थान में 2018 से 2022 तक सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली 12 परीक्षाएं रद्द हुईं.


पेपर लीक के कारण कितने राज्य प्रभावित?

पेपर का लीक होना केवल स्कूल बोर्ड के एग्जाम तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कई राज्य लोक सेवाआयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बड़े पैमाने पर होता है. राजस्थान पिछले कुछ सालों में पेपर लीक के लिए सुर्खियों में रहा है. यहां 2015 से 2023 के बीच कई कंपटीशन एग्जाम के पेपर लीक के 14 से ज्यादा मामले देखे गए, जिसके बाद एग्जााम रद्द करने पड़ गए.

 

जीपीएससी चीफ ऑफिसर (2014)

तलाटी एग्जाम (2015)

टीचर्स एप्टीट्यूड टेस्ट (2018)

मुख्य सेविका (2018)

नायब चिटनिस (2018)

लोक रक्षक दल (2018)

नॉन सचिवालय क्लर्क (2019)

हेड क्लर्क (2021)

जूनियर क्लर्क एग्जाम (2023)

फॉरेस्ट गार्ड एग्जाम (2022)

और सब -ऑडिटर पेपर (2021) शामिल हैं.


उत्तर प्रदेश में 2017 से 2022 के बीच पेपर लीक की कम से कम आठ घटनाएं देखी गईं, इनमें...

इंस्पेक्टर्स ऑनलाइन रिक्रूटमेंट टेस्ट (2017)

टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (2021)

प्रीलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (2021)

बीएड ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (2021)

एनईईटी-यूजी एग्जाम (2021)

और क्लास 12th बोर्ड एग्जाम (2022) शामिल हैं.

 

भारत सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए नया कानून बनाया है। लेकिन ग्राउंड पर इसे देखने को नही मिलता हैं।

पेपर लीक के दोषियों को अधिकतम 10 साल तक की जेल और कम से कम 1 करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान हो सकता है. इस बिल का नाम सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम)

किसी भी तरह से छात्रों को निशाना नहीं बनाया गया है. छात्रों के लिए किसी सजा या जुर्माने का प्रावधान नहीं है. बल्कि छात्रों को अनुचित तरीके से पेपर बेचने वाले सिंडिकेट पर शिकंजा कसा जाएगा. माफिया और साजिश में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इस तरह लाखों योग्य सरकारी नौकरी के इच्छुक छात्रों की कई सालों की मेहनत बर्बाद नहीं होगी और उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा.

 

पेपर लीक उन सभी छात्रों के लिए मुंह पर तमाचा हैं:-

जो छात्रों सरकारी नौकरी मिलने की आश लगाए बैठे हैं।एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी नौकरी के लिए सबसे ज्यादा गरीब घर के बच्चें तैयारी करते हैं। अपने गांव से दूर रह कर शहर में सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं। मात्र कुछ पैसों में हैं अपना जीवन यापन करते हैं,

 

बार बार क्यों पेपर लीक हो जाते है।:-

एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कई सालों में पेपर लीक की समस्या बढ़ते जा रही:- 

पेपर लीक पर सरकार का रुख

जब भी पेपर लीक होता हैं वहां की सरकार का कहना रहता हैं पेपर लीक की जांच होगी। कई बार ऐसा देखा भी गया हैं पेपर लीक की जांच होती हैं इस पर करवाई भी की गई हैं।

सोसल मीडिया

ज्यादातर मामलों में पुलिस का कहना रहता हैं पेपर लीक का एक मुख्य कारण सोसल मीडिया हैं। सोसल मीडिया के कारण ही पेपर वायरल हो जाते हैं एक दुसरे के पास चला जाता हैं।

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